बांग्लादेश के सियासी संकट पर देश के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई पार्टियों के नेताओं ने बांग्लादेश के इस हालात पर कहा कि हालात नाजुक हैं।
बांग्लादेश में आए सियासी भूचाल ने पूरे एशिया में परेशानी ला दिया है। एशियाई देश से लेकर यूरोप के तमाम देश तक, सभी की निगाहें बांग्लादेश पप टिकीं हुई हैं। आज भारत सरकार ने भी बांग्लादेश की सियासी संकट पर सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी पार्टी के नेताओं से इस नाजुक मुद्दे पर बात की गई। बता दें कि बांग्लादेश के पीएम शेख हसीना ने इस्तीफे के बाद सीधा भारत की ओर रूख किया। वह एयरफोर्स की हिंडन एयरबेस पर रूकी हुई हैं। वहीं, जब इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हालात नाजुक है।
स्थिति संवेदनशील और गंभीर- मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बांग्लादेश मुद्दे पर कहा, “बांग्लादेश में स्थिति संवेदनशील और गंभीर है। यह दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के लिए चिंताजनक है। मुझे उम्मीद है कि दोनों सदनों में इस पर चर्चा होगी और सरकार इसे सुगम बनाएगी। बांग्लादेश मुद्दे पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।”
हम उनके साथ खड़े हैं- शशि थरूर
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “जहां तक भारत का सवाल है, बांग्लादेश के लोगों को सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण संकेत यह देना है कि हम उनके साथ खड़े हैं, भारत का कोई अन्य निहित स्वार्थ नहीं है। कुछ परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं, हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यक्तियों पर हमले की। हम सभी ने कल लूटपाट की तस्वीरें देखीं। हो सकता है कि कुछ दिनों में स्थिति शांत हो जाए और स्थिर हो जाए, अगर ऐसा नहीं होता है, तो शरणार्थियों के हमारे देश में भाग जाने का भी खतरा है और यह गंभीर चिंता का विषय होगा।”
‘स्थिति पर बारीकी से नज़र’
आगे शशि थरूर ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि हमारे उच्चायुक्त और हमारे कर्मचारी सुरक्षित हैं और स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। हम अभी भी नहीं जानते कि अंतरिम सरकार में कौन होगा। जमात-ए-इस्लामी के बढ़ते प्रभाव के बारे में भारत में कुछ समझ में आने वाली चिंताएं हैं, जिसने अतीत में भारत के प्रति बहुत शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाया है, और ये हालात चीन और पाकिस्तान द्वारा संभावित हस्तक्षेप वाला लगता है। हम एक अस्थिर या दुश्मन पड़ोसी नहीं चाहते हैं।”
देखना बहुत चिंताजनक- कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कहा, “बांग्लादेश में जिस तरह की अराजकता और हिंसा है, उसे देखना बहुत चिंताजनक है। हमारी प्राथमिक चिंता वहां हमारे नागरिकों की सुरक्षा, सीमा सुरक्षा और बांग्लादेश में किस तरह की भविष्य की सरकार आएगी, यह है जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों का सवाल है, हम पूरी तरह से सरकार के साथ हैं। सरकार ने सुबह हम सभी को जानकारी दी।”
पॉलिसी में गड़बड़ी- पप्पू यादव
बांग्लादेश के मुद्दे पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, “हालात ठीक नहीं हैं। इस स्थिति में इंदिरा गांधी की याद आती है। जब हम संप्रभु संस्कृति, लोगों की सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, देश की सुरक्षा की बात करते हैं, तो हमारी नीति महत्वपूर्ण हो जाती है। जब हमारा पड़ोसी देश दुश्मन बन जाता है, तो पॉलिसी में गड़बड़ी होती है। इस समय हमें सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है। चीन सफल हो गया है, क्योंकि वह बांग्लादेश पर नजर रख रहा था। हमें सावधान रहने की जरूरत है। भारत हमेशा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में विश्वास करता रहा है। मुख्य बात यह है कि व्यापार के मामले में बांग्लादेश की भारत में रुचि खत्म हो रही है। यह अच्छी बात नहीं है।”
भारत पर भी पड़ेगा असर- प्रियंका चतुर्वेदी
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, उसका असर भारत पर भी पड़ेगा। बांग्लादेश हमारा सीमावर्ती देश है। अगर बांग्लादेश में अराजकता होती है तो यह भारत के लिए अच्छा नहीं होगा। वहां मौजूद भारतीयों को कैसे वापस लाया जा सकता है और सीमाओं को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है, वहां हो रही अराजकता भारत में नहीं फैलनी चाहिए।”
मायावती ने कही ये बात
मामले पर मायावती ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश के तेज़ी से बदलते हुए राजनीतिक हालात के मद्देनज़र आज की सर्वदलीय बैठक अति महत्वपूर्ण, जिसमें सभी दलों द्वारा सरकार के फैसलों के साथ रहने का निर्णय उचित व ज़रूरी। बीएसपी भी इस मामले में केन्द्र सरकार के फैसलों के साथ।