महिला अस्मिता पर वार और सुरक्षा विषय पर सार्थक चर्चा का आयोजन आज हश्किन ड्राइव बाय में संपन्न हुआ । कार्यक्रम की संयोजिका आशा पाराशर ने कार्यक्रम का आरंभ अमृता प्रीतम की पंक्तियों ,जहां आजाद रूह की झलक पड़े वही मेरा घर है “से किया .सहसंयोजिका ऋचा शरद अग्रवाल ने सभी सहभागियों का स्वागत किया । शहर की प्रबुद्ध लेखिकाओं , ने उक्त विषय पर अपने विचार कविताओं और आलेख के माध्यम से प्रस्तुत किये । इन में तीन रचनायें श्रेष्ठ चुनी गईं । विषय विशेषज्ञ के रुप में स्नेहा भंडारी, फाउडर ,बेटी एक मुस्कान, अरुण उपाध्याय, गवर्नर सैंट्रल एकेडमी स्कूल तथा सुनील पुरोहित, फिल्म निर्माता ,रिच फाउंडेशन ने अपने विचार रखे ।कार्यक्रम में राखी पुरोहित, डा वर्षा ,डॉ रेणु श्रीवास्तव, डॉ अंजना चौधरी ,डॉ शालिनी गोयल, साधना अग्रवाल, निशा व्यास, वीना अचतानी, रितिका, नीलम व्यास, रजनी अग्रवाल, चंद्कांता, अनुपमा ,सुरभि खीची,निशा व्यास ,संजीदा खानम ने अपने विचार प्रस्तुत किये । महिलाओं की अस्मिता की सुरक्षा के लिये बेहतर है कि पुरुषो की गंदी मानसिकता को बदला जाये । और यह संस्कार बचपन से ही माता-पिता अपने बच्चों को दें ।