जोधपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की JNVU इकाई के कार्यकर्ता विश्वविद्यालय की अनियमितताओं के खिलाफ एक गंभीर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। यह धरना विश्वविद्यालय के प्रशासन के खिलाफ आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य रूप से कुलपति और कुलसचिव पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि विश्वविद्यालय में कई महत्वपूर्ण मुद्दे और समस्याएँ लंबे समय से अनसुलझी पड़ी हैं, जिनमें प्रशासनिक लापरवाही और व्यवस्थागत विफलताएँ शामिल हैं।
धरना के दौरान, जब कार्यकर्ता कुलपति और कुलसचिव के कार्यालय में पहुँचे, तो उन्हें वहाँ कोई भी उच्च पदाधिकारी मौजूद नहीं मिले। यह स्थिति कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक थी, क्योंकि वे अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों तक पहुँचाने की आशा कर रहे थे। इस स्थिति को देखकर, कार्यकर्ताओं ने एक नई रणनीति अपनाई। उन्होंने निर्णय लिया कि वे अपने विरोध को एक अलग और प्रभावी तरीके से प्रदर्शित करेंगे, ताकि उनकी आवाज को सुना जा सके और उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया जा सके।
कार्यकर्ताओं ने कुलपति के कार्यालय के बाहर एक अनोखा प्रदर्शन शुरू किया। उन्होंने कार्यालय के बाहर थाली बजाना शुरू कर दिया और दमरु भेंट किया। यह तरीका भारतीय संस्कृति में विरोध और चेतावनी देने के पारंपरिक तरीकों में से एक माना जाता है। थाली बजाना और दमरु भेंट करना एक तरह से प्रतीकात्मक था, जो यह दर्शाता था कि वे प्रशासन की ध्यानहीनता को समाप्त करने के लिए तैयार हैं और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए एक सशक्त संकेत देना चाहते हैं।
इस प्रदर्शन का उद्देश्य कुलपति और कुलसचिव को जगाना था, ताकि वे अपने कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यकर्ताओं की समस्याओं और शिकायतों को सुन सकें। यह रणनीति कार्यकर्ताओं ने इसलिए अपनाई, ताकि प्रशासन के उच्च अधिकारियों को उनकी उपस्थिति का एहसास हो और वे तत्काल कार्रवाई के लिए प्रेरित हों। थाली बजाना और दमरु भेंट करना न केवल विरोध का एक तरीका था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि वे अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर हैं।
धरना प्रदर्शन का यह तरीका मीडिया और जनता का ध्यान भी आकर्षित करने में सफल रहा। इससे विश्वविद्यालय की समस्याएँ और प्रशासन की अनियमितताएँ सार्वजनिक मंच पर चर्चा में आ गईं। कार्यकर्ताओं का मानना था कि इस प्रकार का प्रदर्शन प्रशासन पर दबाव डालने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है, जिससे वे अपने कर्तव्यों को निभाने के प्रति अधिक सजग और जिम्मेदार बन सकें।
इस प्रकार, ABVP कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन जोधपुर के शैक्षिक और प्रशासनिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में उभरा। यह न केवल विश्वविद्यालय की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्रों के सामूहिक प्रयास और दृढ़ता से समस्याओं को हल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।