अग्निपथ योजना का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा।
द्रास: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को द्रास में इस युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के अधिकारियों और सैनिकों के सम्मान में द्रास युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना की ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करने वालों को भी आड़े हाथों लिया। पीएम मोदी ने बताया कि अग्निपथ योजना क्यों खास है।
मुझे ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है लेकिन…’
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर अग्निपथ योजना के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सच्चाई ये है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश का सामर्थ्यवान युवा भी मातृभूमि की सेवा के लिए आगे आएगा। मैं हैरान हूं कि कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ है, उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है। मुझे ऐसे लोगों की सोच से शर्म आती है लेकिन मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि आज मोदी सरकार के शासनकाल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी होगी?’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘उसे पेंशन देने की नौबत 30 साल में आएगी और तब तो मोदी 105 साल का हो चुका होगा। क्या तर्क दे रहे हैं? मेरे लिए ‘दल’ नहीं ‘देश’ सर्वोपरि है। हम राजनीति के लिए नहीं राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं। जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, उनका इतिहास साक्षी है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने 500 करोड़ रुपए दिखाकर वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला था। ये हमारी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन लागू किया, पूर्व सैनिकों को सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए।’
‘इन लोगों ने जवानों को बुलेटप्रूफ जैकेट्स भी नहीं दी थीं’
विपक्ष पर बरसते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के 7 दशक बाद भी शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल नहीं बनाया। ये वही लोग हैं जिन्होंने सीमा पर तैनात हमारे जवानों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट्स भी नहीं दी थीं।’ बता दें कि भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को लद्दाख में कारगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग 3 महीने की लंबी लड़ाई में जीत के बाद ‘ऑपरेशन विजय’ के सफल समापन की घोषणा की थी। युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में 26 जुलाई के दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।