दक्षिण अफ्रीका में रचा गया इतिहास, पहली बार हुआ ऐसा जिसकी पूरी दुनिया में हो रही है चर्चा

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दक्षिण अफ्रीका में पहली बार किसी महिला को प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मंडिसा माया को देश का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है।

केपटाउन: दक्षिण अफ्रीका में पहली बार किसी महिला को प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने वर्तमान उप प्रधान न्यायाधीश मंडिसा माया को बृहस्पतिवार को देश की प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया। दक्षिण अफ्रीका की प्रधान न्यायाधीश के पद पर माया का कार्यकाल एक सितंबर से प्रारंभ होगा। वह मौजूदा प्रधान न्यायाधीश रेमंड जोंडो के सेवानिवृत्त होने के बाद उनका स्थान लेंगी। 

न्यायिक सेवा आयोग ने लिया साक्षात्कार

देश के शीर्ष ‘संवैधानिक न्यायालय’ में पदोन्नति से पहले 60 वर्षीय माया दक्षिण अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी अदालत ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील’ में ‘जज प्रेसिडेंट’ के पद पर सेवाएं दे चुकी हैं। वह ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील’ की न्यायाधीश नियुक्त होने वाली पहली अश्वेत महिला थीं तथा उस अदालत की उप-अध्यक्ष और फिर अध्यक्ष नियुक्त होने वाली पहली महिला थीं। रामाफोसा ने फरवरी में माया को प्रधान न्यायाधीश पद के लिए नामित किया था और मई में न्यायिक सेवा आयोग ने उनका साक्षात्कार लिया था। 

अमेरिका में भी की पढ़ाई

रामाफोसा ने एक बयान में कहा कि आयोग ने उनके नाम की सिफारिश की है और कहा है कि उनकी नियुक्ति ‘‘देश के लिए मील का पत्थर साबित होगी।’’ माया दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत के एक ग्रामीण इलाके में पली-बढ़ी हैं। उन्हें 1989 में अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय में कानून में स्नातकोत्तर करने के लिए ‘फुलब्राइट छात्रवृत्ति’ प्राप्त हुई थी, जो दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर में किसी युवा अश्वेत महिला के लिए दुर्लभ उपलब्धि थी।


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