‘विपक्षी दलों के आरोप कितने सच, कितने झूठ?’ घोटालों पर बोले सिद्धारमैया, विधानसभा में मामले को करेंगे उजागर

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस के नेता मीडिया के सामने हिट एंड रन की रणनीति अपनाते हैं। वह आलोचना के डर से चुप होकर बैठ जाने वालों में से नहीं हैं। विधानसभा में वह इस मामले को उजागर करेंगे।

विपक्षी दल लगातार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साध रहे हैं। सरकार पर निशाना साधने और मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण ‘घोटाले’ का मुद्दा उठाने की उनकी योजना के बीच सीएम सिद्धरमैया ने कहा कि राजनीतिक रूप से दुर्भावनापूर्ण आलोचना के डर से चुप होकर बैठ जाना उनका स्वभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पास विपक्ष के हर शब्द का जवाब है।

बीजेपी-JDS पर लगाया ये आरोप

सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल सेक्युलर (JDS) पर मीडिया के सामने झूठ बोलकर ‘हिट एंड रन’ रणनीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। 

आलोचना के डर से नहीं बैठेंगे चुप

सीएम सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘विपक्षी दलों के आरोप कितने सच हैं? कितने झूठ? हम इसे इस सदन में इसको उजागर करेंगे। राजनीतिक रूप से दुर्भावनापूर्ण आलोचना के डर से चुप होकर बैठ जाना मेरे स्वभाव में नहीं है।’

मेरे पास हर शब्द का जवाब- सिद्धारमैया

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी और जेडीएस के नेताओं के लिए मेरे पास हर शब्द का जवाब है। यह अब तक मीडिया के सामने झूठ बोलने कहीं दूर खड़े होने और हवा में गोली चलाने जैसा नहीं है। यह सदन है, आपके ‘हिट एंड रन’ के लिए यहां कोई जगह नहीं है।’ 

ये है पूरा मामला

बता दें कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से जुड़ा अवैध रुपये के ट्रांसफर का मुद्दा तब सामने आया, जब इसके लेखा अधीक्षक चन्द्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली। साथ ही सुसाइड नोट में यह आरोप लगाया गया कि निगम से संबंधित 187 करोड़ रुपये का अनधिकृत रूप से ट्रांसफर इसके बैंक खाते से किया गया। इसमें से 88. 62 करोड़ रुपये को अवैध रूप से विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया जो कथित तौर पर जानीमानी आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित एक सहकारी बैंक समेत अन्य से संबंधित हैं। 

सीएम की पत्नी की भी नाम आया सामने

अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने अपने खिलाफ आरोपों के बाद छह जून को इस्तीफा दे दिया था। वह फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं। मैसुरु शाहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामला प्राधिकरण द्वारा भूमि खोने वालों को भूखंडों के फर्जी आवंटन से जुड़ा है, जिसमें सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को दिए गए भूखंड शामिल हैं।

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