Budget 2024 : शिक्षा, स्वास्थ्य, रियल एस्टेट, स्टार्टअप… जानिए किस सेक्टर को क्या हैं बजट से उम्मीदें

शिक्षा

Budget 2024 : नीति आयोग के अनुसार भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर बाजार आकार तक पहुंचने का अनुमान है। रियल एस्टेट सेक्टर आगामी बजट में अनुकूल उपायों की उम्मीद कर रहा है।

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी 3.0 का पहला बजट पेश करने जा रही हैं। मोदी 3.0 से कारोबारियों और अन्‍य सेक्‍टरों के लोगों को खासी उम्‍मीदें हैं। हालांकि, सभी की उम्‍मीदों में एक बात समान है कि सभी अपने सेक्‍टर के बुनियादी ढांचे की मजबूती जरूर चाहते हैं। शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सरकार को शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, शिक्षकों के प्रशिक्षण और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के स्कूलों के बीच की खाई को पाटने के लिए भी विशेष योजनाओं की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे पेशेवरों और नागरिकों को उम्मीद है कि सरकार इस बजट में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, अधिक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बड़े कदम उठाएगी। इसके साथ ही महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत बनाने की जरूरत है। स्‍टार्टअप्‍स, रिन्‍यूएबल एनर्जी और रियल एस्‍टेट सेक्‍टर को भी बजट से खासी उम्‍मीदें हैं। आइए जानते हैं कि विभिन्‍न क्षेत्र की क्या-क्या प्रमुख अपेक्षाएं हैं और ये बजट 2024 से किस प्रकार की उम्मीदें लगाए हुए हैं।

हेल्थ सेक्टर को क्या हैं उम्मीदें

यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. पी एन अरोड़ा ने कहा, ‘बजट युवाओं, किसानों और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण दिशा प्रदान करता है। मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से आगामी बजट में भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने की प्राथमिकता की अपील करता हूं। आयुष्मान भारत और व्यापक बीमा कवरेज के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच चाहिए।’

रिन्‍यूएबल एनर्जी को मिले बढ़ावा

इंफॉर्मा मार्केट्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास का कहना है कि सरकार ने 2070 तक ‘नेट ज़ीरो’ पर जाने का वायदा किया है। हम उत्साही हैं कि नवीकरण क्षेत्र में विभिन्न उपायों जैसे पवन ऊर्जा और कोयले की गैसीकरण के लिए वित्तीय सहायता से महत्वपूर्ण प्रगति होगी। हमने सौर ऊर्जा और बैटरी स्टोरेज परियोजनाओं के लिए सरकारी पहल की सराहना की है।

शिक्षा बजट को बढ़ाने की मांग

क्रैक एकेडमी के फाउंडर और सीईओ नीरज कंसल का कहना है कि देश को शिक्षा में वैश्विक स्तर पर सुधार लाने के लिए मानव संसाधनों में निवेश और पूंजी व्यय को एकसाथ लाने की आवश्यकता है। आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 में हमें उम्मीद है कि सरकार शिक्षा बजट को 13% से अधिक बढ़ाएगी, जिससे शैक्षिक ढांचा मजबूत होगा। इसके साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग के लिए वित्तीय सहायता को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। वहीं, डीपीएस इंदिरापुरम की प्रिंसिपल प्रिया जॉन का कहना है कि अगर आर्थिक परिस्थितियाँ अनुकूल रहती हैं और सरकार शिक्षा को प्राथमिकता देती है, तो हम 13% से अधिक की वृद्धि देख सकते हैं। यह शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर समर्थन और शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाता है। इससे स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में बुनियादी ढांचे के विकास, तकनीकी एकीकरण और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए विभागानुसार धन का प्रबंध करना संभव होगा।

र्स्‍टाटअप्‍स को भी है बेहतरी की उम्‍मीद

अर्दीट्वीन्स के सीईओ निशांत कुमार के अनुसार, स्‍टार्टअप्‍स को फायदा पहुंचाने के लिए बेहतर नीति बनाए जाने की उम्‍मीद है। सस्टेनेबल फैशन उद्योग के लिए हमें 2024-25 के केंद्रीय बजट में वित्तीय सहायता की उम्मीद है। हम उत्सुक हैं कि सरकार वैश्विक परिधान कचरे के खिलाफ रीसाइक्लिंग और जैविक कपड़ों के लिए नीतिगत पहल लाएगी, जो हमारे उद्योग के विकास और ‘मेड इन इंडिया’ लेबल को समर्थन देगी।

रियल एस्‍टेट सेक्‍टर बोला, इंडस्‍ट्री बने तो बढ़ेगा रोजगार

गुलशन ग्रुप के डायरेक्‍टर दीपक कपूर का कहना है कि नीति आयोग के अनुसार भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर बाजार आकार तक पहुंचने का अनुमान है। रियल एस्टेट सेक्टर आगामी बजट में अनुकूल उपायों की उम्मीद कर रहा है। स्टील, सीमेंट और ईंधन की इनपुट लागत को कम करना महत्वपूर्ण है। सीमेंट पर वर्तमान में 28% जीएसटी को कम किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, किफायती आवास को बढ़ावा देने और राष्ट्र के आवास उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कर प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।

स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो के वाईस प्रेजिडेंट सेल्स एंड मार्केटिंग अजेंद्र सिंह केंद्रीय बजट 2024-25 से पहले, कमर्शियल रियल्टी उम्मीद कर रहा है कि सरकारी नीतियां उद्यमिता को बढ़ावा देने के लक्ष्यों के साथ मेल खाएंगी। एक मुख्य मांग है कि कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए GST इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध हो। सीमेंट पर 28% GST, जो एक प्रमुख उपभोग्य वस्तु है, इसकी कुल लागत का लगभग एक तिहाई है, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। इसलिए, स्टील, सीमेंट और ईंधन पर GST कम करना, साथ ही सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू करना, इस सेक्टर को बढ़ावा देगा।

रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया जाए

काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर, अमित मोदी का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर देश में कुशल और अकुशल दोनों प्रकार के श्रमिकों का बड़ा रोजगार जनरेटर है। हालांकि, आगामी बजट से पहले, कुछ मुद्दे हैं जिन पर हम सरकार से ध्यान देने का अनुरोध करते हैं। सबसे प्रमुख मांगों में से एक है कि इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाए जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा, परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सकेगा और लागत कम करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस लागू किया जा सके। हमें विश्वास है कि ये कदम क्षेत्र की प्रगति को गति देंगे।

मिगसन ग्रुप के एमडी, यश मिगलानी का कहना है कि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जीडीपी में 8% का योगदान करता है और देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। केंद्रीय बजट 2024-25 के संदर्भ में, इस क्षेत्र की प्रमुख अपेक्षाओं में उद्योग का दर्जा दिया जाना और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को लागू करना शामिल है। इसके अलावा, सीमेंट पर 28% जीएसटी है, जो कुल सीमेंट लागत का लगभग एक तिहाई है और एक बड़ी चिंता है।

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