एम्स की नई स्टडी में हुआ खुलासा, योग से काबू में की जा सकती है अर्थराइटिस की बीमारी

स्वास्थ्य

How To Control Rheumatoid Arthritis: रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें तेज दर्द और सूजन के कारण चलना फिरना भी मुश्किल हो जाता है। अब दिल्ली के AIIMS की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि अर्थराइटिस को योग से काबू किया जा सकता है। जानिए क्या कहती है ये स्टडी?

गठिया एक ऐसी बीमारी है जो पहले उम्रदराज लोगों को ही होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में युवाओं में भी रूमेटाइड अर्थराइटिस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस सामान्य अर्थराइटिस से ज्यादा खतरनाक माना जाता है। हाल ही में दिल्ली के एम्स में हुई एक स्टडी रिपोर्ट में सामने आया है कि योग से रूमेटाइड अर्थराइटिस को काफी कंट्रोल किया जा सकता है।  

योग और प्राणायाम रूमेटाइड अर्थराइटिस यानि गठिया को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने इस पर रिसर्च किया है जिसमें पाया गया है कि कि प्राणायाम और योग करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। नियमित योग करने से शरीर में सूजन को कम करने में मदद मिलती है और शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी कम होता है। योग से जीन में होने वाले बदलाव को भी ठीक किया जा सकता है। योग करने से शरीर में इम्यूनोलॉजिकल टोलरेंस की क्षमता बढ़ती है जिससे रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है।

योग से कम होगा अर्थराइटिस का खतरा

नई दिल्ली एम्स में एनाटॉमी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा का कहना है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस की बीमारी में जोड़ों में काफी दर्द होता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस का असर हार्ट, फेफड़ों और त्वचा पर भी हो सकता है। समय पर इलाज नहीं किया जाए तो ये बीमारी पूरे शरीर में भी फैल सकती है। ऐसे में मरीज की स्थिति और बिगड़ सकती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण पैर और शरीर के दूसरे अंगों में सूजन आ जाती है। स्ट्रेस होने पर ये समस्या और भी बढ़ जाती है। हालांकि योग से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर का कहना है कि एम्स नई दिल्ली में हुए रिसर्च में पता चला है कि योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से अर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।

क्या है रूमेटाइड अर्थराइटिस

सामान्य अर्थराइटिस से रूमेटाइड अर्थराइटिस को ज्यादा खतरनाक माना जाता है। इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम ही उसके हेल्दी टिश्यू और सेल्स पर हमला बोलने लगता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। शरीर के किसी हिस्से में अकड़न और जोड़ों का दर्द रूमेटाइड अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। अगर आपने इन लक्षणों को पहचान लिया और कंट्रोल कर लिया तो इसे पूरे शरीर में फैलने से रोका जा सकता है।

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