मंत्रालय की ओर से अलग-अलग सेक्टर से उपलब्ध नौकरियों की व्यापक संख्या बताती है कि इंडस्ट्री में नौकरियों के अवसर हैं। मौजूदा नौकरियां 12वीं पास, आईटीआई और डिप्लोमा डिग्री होल्डर्स के लिए हैं।
नौकरी खोजने वाले युवाओं के लिए काम की खबर है। केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल (https://www.ncs.gov.in/) पर उपलब्ध नौकरियों का आंकड़ा 20 लाख को पार कर गया है। यानी 20 लाख से अधिक पद खाली हैं, जिसके लिए युवा अपनी कौशल और योग्यता के अनुसार अप्लाई कर सकते हैं। NCS पोर्टल पर मौजूद नौकरियां अलग-अलग सेक्टर में है। इसमें फाइनेंस और इंश्योरेंस (14.7 लाख), ऑपरेशन और सपोर्ट (1.08 लाख) और सर्विसेज एक्टिविटी (0.75 लाख) की नौकरियां हैं। उपलब्ध नौकरियों में मैन्युफैक्चरिंग की 0.71 लाख, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज की 0.59 लाख, आईटी और कम्यूनिकेशन की 0.58 लाख, शिक्षा की 0.43 लाख, थोक और खुदरा क्षेत्र की 0.25 लाख और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी 0.20 लाख नौकरियां शामिल हैं।
12वीं पास, आईटीआई के लिए बंपर मौके
मंत्रालय की ओर से अलग-अलग सेक्टर से उपलब्ध नौकरियों की व्यापक संख्या बताती है कि इंडस्ट्री में नौकरियों के अवसर हैं। मौजूदा नौकरियां 12वीं पास, आईटीआई और डिप्लोमा डिग्री होल्डर्स के लिए हैं। मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके और विशेषज्ञता हासिल कर चुके लोगों के लिए भी नौकरियां उपलब्ध हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से संचालित किया जा रहा एनसीएस पोर्टल नौकरियां खोजने के लिए एक अच्छा माध्यम बन गया है। इसमें सीधे नियोक्ताओं, जॉब फेयर और एपीआई इंटीग्रेशन के माध्यम से निजी जॉब पोर्टल की ओर से नौकरियों के अवसर पोस्ट किए जाते हैं।
AI के इस्तेमाल कर बेहतर बनाने की तैयारी
मंत्रालय ने आगे कहा कि एनसीएस पोर्टल को अपग्रेड और एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ एनसीएस 2.0 लाने की तैयारी की जा रही है। इसमें एआई का फायदा भी दिया जाएगा, जिसके माध्यम से नौकरी खोजने वाले और नियोक्ताओं को अधिक फायदा हो। सरकार की ओर से इस हफ्ते संसद में पेश किए गए डेटा में बताया गया कि 15 से 29 वर्ष के बीच की आयु के लोगों की बेरोजगारी दर में लगातार पांच वर्षों से गिरावट देखी जा रही है। 2023-24 में यह घटकर 10 प्रतिशत रह गई, जो कि 2017-18 में 17.8 प्रतिशत थी।
सरकार की ओर से बजट 2024-25 में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार और स्किल के अवसर बढ़ाने के लिए पांच स्कीम और इंसेंटिव का ऐलान किया गया है। इन स्कीमों पर अगले 5 वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।