वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी सप्ताह मंगलवार को पेश बजट में मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित रूप में पेश किये जाने की घोषणा की थी। इस उपाय से हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है।
मोदी सरकार 3.0 का अब रोजगार पर फोकस काफी बढ़ गया है। सरकार ने स्किल लोन स्कीम में कर्ज की सीमा को बढ़ा दिया है। अब स्किल डेवलपमेंट के पाठ्यक्रमों के लिए 1.5 लाख की बजाय 7.5 लाख रुपये का लोन मिल जाएगा। सबसे अच्छी बात है कि इस लोन में 70 से 75 फीसदी लोन अमाउंट पर गारंटी की जिम्मेदारी भी सरका लेगी। इससे अब गरीब परिवार का बच्चा भी स्किल डेवलपमेंट वाले कोर्स कर सकेगा। इसके लिए सरकार ने गुरुवार को संशोधित कौशल ऋण योजना की शुरुआत की।
हर साल 25,000 स्टूडेंट्स को होगा फायदा
संशोधित कौशल लोन योजना में सरकार द्वारा 7.5 लाख रुपये तक के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी सप्ताह मंगलवार को पेश बजट में मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित रूप में पेश किये जाने की घोषणा की थी। इस उपाय से हर साल 25,000 छात्रों को मदद मिलने की उम्मीद है। योजना शुरू किये जाने के मौके पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री जयंत चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि पहले कौशल ऋण की सीमा केवल 1.5 लाख रुपये तक थी। इसे अब बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये कर दिया गया है।
लोन के लिए नहीं चाहिए गारंटी
चौधरी ने कहा कि इसके अलावा पहले केवल अनुसूचित बैंकों को ही शामिल किया गया था, जबकि अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एनबीएफसी आदि को भी इस योजना से जोड़ा गया है। बाद में मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मॉडल कौशल ऋण योजना की शुरुआत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के लिए मील का पत्थर है। इसके तहत युवाओं को अत्याधुनिक कौशल के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। योजना के तहत कई पात्र पाठ्यक्रमों के लिए 7.5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। कर्ज के लिए किसी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं होगा।’’