पहले महिला सीनियर सिटीजन को ट्रेन टिकट पर 50 फीसदी और पुरुष व ट्रांसजेंडर सीनियर सिटीजन को 40 फीसदी छूट मिलती थी।
Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से इंडस्ट्री और टैक्सपेयर्स को ही नहीं, बल्कि आम लोगों को भी बड़ी उम्मीदें हैं। सीनियर सिटीजंन यह उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें ट्रेन टिकट में पहले मिल रही छूट फिर से बहाल हो जाए। यह मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है। बजट आने को है, तो एक बार फिर इसे लेकर मांग उठ रही है। बता दें कि कोरोना काल से ही सीनियर सिटीजंस को ट्रेन टिकट में मिलने वाली छूट बंद है।
इतनी मिलती थी ट्रेन टिकट पर छूट
कोरोना काल से पहले तक देश के सीनियर सिटीजंस और महिलाओं को ट्रेन टिकट पर डिस्काउंट का फायदा मिल रहा था। इस सुविधा को मार्च 2020 से बंद कर दिया गया। पहले महिला सीनियर सिटीजन को ट्रेन टिकट पर 50 फीसदी और पुरुष व ट्रांसजेंडर सीनियर सिटीजन को 40 फीसदी छूट मिलती थी। ट्रेन टिकट पर यह डिस्काउंट राजधानी, शताब्दी सहित सभी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में मिलती थी। रेलवे के हिसाब से 60 या इससे अधिक उम्र के पुरुष व ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाएं सीनियर सिटीजन होते हैं।
छूट खत्म होने से रेलवे को हुआ फायदा
ट्रेन टिकट पर सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली छूट खत्म होने से रेलवे को काफी फायदा हुआ है। एक आरटीआई से पता चला कि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच रेलवे ने करीब 8 करोड़ सीनियर सिटीजंस को रियायतें नहीं दीं। इस अवधि में सीनियर सिटीजंस से रेलवे को कुल 5,062 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। उसमें सब्सिडी खत्म होने से अर्जित अतिरिक्त 2,242 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।