Bird Flu: बर्ड फ्लू H5N1 बन सकती है अगली महामारी, डॉक्टर ने दी ये बड़ी चेतावनी

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एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस या बर्ड फ्लू अगली महामारी बन सकती है? जानिए इस पूरे मामले पर डॉक्टर क्या कहते हैं…

एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस या बर्ड फ्लू अगली महामारी बन सकती है. WHO ने जारी अपनी रिपोर्ट में इससे होने वाले संक्रमण जोकि पक्षियों और इंसानों में तेजी से फैल रहे हैं. उसे लेकर खास चेतावनी दी है. ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ (WHO) की सतर्कता के बाद सरकार ने भी इसके प्रसार को रोकने के लिए अलर्ट मोड में आ गई है. इस पूरे मामले पर एबीवी हिंदी लाइव ने फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी के प्रमुख निदेशक और प्रमुख डॉ. प्रवीण गुप्ता से खास बातचीत की. साथ ही इस फ्लू से होने वाली गंभीर समस्याओं के बारे में भी जानने की कोशिश की. 

यह वायरस इंसानों में भी तेजी से फैल रही है

डॉ. प्रवीण गुप्ता कहते हैं कि जिस तरीके से यह बीमारी फैल रही है यह वायरस गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. इसमें न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है. हमें इस स्थिति को गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि पश्चिम बंगाल में हमने देखा है कि किस तरह से यह फ्लू इंसानों को भी अपना शिकार बना रही है. 

WHO लाने जा रही है वैक्सीन

स्थिति की गंभीरता को इस तरह समझ सकते हैं कि इस सप्ताह WHO ने अत्याधुनिक मैसेंजर RNA तकनीक का उपयोग करके निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए मानव बर्ड फ्लू संक्रमण के लिए टीकों के विकास में तेजी लाने के लिए एक नई परियोजना की घोषणा की है. WHO ने वैक्सीन इक्विटी पर विचार किया है और mRNA प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम की स्थापना की है, और इससे भारत को काफी मदद मिलेगी.

बर्ड फ्लू के गंभीर संक्रमण में हो सकती है ये बीमारी

न्यूरोलॉजी के हिसाब से भी देखें तो यह वायरस जानलेवा हो सकता है क्योंकि इसने न्यूरोट्रोपिज्म के फंक्शन को काफी ज्यादा प्रभावित करता है जिसके कारण यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को काफी ज्यादा संक्रमित कर सकता है. गंभीर मामलों में मरीज एन्सेफलाइटिस का शिकार भी हो सकता है. जिसके कारण दिमाग में भी सूजन हो सकता है. बार-बार दौरे पड़ना और इंसान कोमा में भी जा सकता है. यह न्यूरोलॉजिकल फंक्शन को प्रभावित करने के साथ-साथ यह इंसान की इम्युनिटी पर भी असर डालता है. 

‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ की पहल के बाद इसी मार्गदर्शन में भारत mRNA का उपयोग करके अपने स्वयं के टीके बनाने की सोच रहा है. ऐसा करने से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा. 

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