ओलंपिक 2024 के टेनिस इवेंट में भारत के हाथों निराशा लगी है। मेंस डबल्स और मेंस सिंगल में भारतीय एथलीट पहले ही राउंड से बाहर हो गए और भारत की सफर टेनिस में खत्म हो गया है।
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। ओलंपिक के दूसरे दिन भारत ने एक मेडल जीत और मनु भाकर ने देश का नाम रौशन किया। भारत की ओर से इस बार कुल 117 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। उम्मीद की जा रही है भारत की बार 10 या उससे ज्यादा मेडल जीत सकता है। इसी बीच भारत को टेनिस इवेंट में निराशा हाथ लगी है। इस इवेंट में एक दिन के अंदर भारत की उम्मीदें खत्म हो गईं और भारतीय टेनिस खिलाड़ियों को हार का सामना करना पड़ा है। पेरिस ओलंपिक में भारत का टेनिस अभियान सिर्फ एक दिन तक चला, क्योंकि सुमित नागल और रोहन बोपन्ना – एन श्रीराम बालाजी की मेंस डबल्स की जोड़ी रविवार को यहां फ्रांसीसी चुनौतीकर्ताओं से अपने-अपने शुरुआती मैच हारकर बाहर हो गई।
सुमित नागल का रोमांचक गेम
ओलंपिक 2024 के दूसरे दिन नागल सबसे पहले कोर्ट पर उतरे, लेकिन उनका मजबूत बेसलाइन गेम तेजतर्रार कोरेंटिन मौटेट के खिलाफ काफी नहीं रहा, जिन्होंने तीन सेटों में शानदार जीत हासिल की। नागल दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे थे। नागल ने पहला सेट हारने के बाद वापसी की, लेकिन रोलांड गैरोस के कोर्ट सात में उन्हें 2-6, 6-4 और 5-7 से हार का सामना करना पड़ा। टोक्यो खेलों में, नागल दूसरे दौर में रूसी डेनियल मेदवेदेव से हार गए थे, लेकिन इस बार वह पहले ही दौर से बाहर हो गए।
बोपन्ना और बालाजी भी हारे
नागल के मैच के बाद, बोपन्ना और बालाजी कोर्ट पर उतरे। जहां उनका सामना फ्रांस की जोड़ी एडौर्ड रोजर-वेसलिन और गेल मोनफिल्स से हुआ। बोपन्ना और बालाजी को फ्रांस की इस जोड़ी के खिलाफ 5-7 2-6 से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने टेनिस में केवल एक ओलंपिक पदक जीता है, जब लिएंडर पेस ने 1996 के एटलानाटा खेलों में कांस्य पदक जीता था। यह शायद आखिरी बार था जब बोपन्ना ने किसी मल्टी खेल आयोजन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 44 वर्षीय खिलाड़ी ने पहले ही डेविस कप से संन्यास की घोषणा कर दी है। डबल्स मैच में बोपन्ना और दोनों फ्रांसीसी खिलाड़ियों के बीच कई बार बेसलाइन पर जोरदार आदान-प्रदान हुआ, लेकिन अंत में उनके हाथ निराशा लगी। भारत इस बार टेनिस में सिर्फ मेंस सिंगल और मेंस डबल्स में हिस्सा ले रहा था। जोकि अब खत्म हो गया है। इसी के साथ इस इवेंट में भारत के लिए मेडल की उम्मीदें भी खत्म हो गईं हैं।