यहां कैश पेमेंट से मतलब बैंक खातों से उन लाभार्थियों को राशि ट्रांसफर करने की व्यवस्था से है, जिनका बैंक खाता नहीं है। नकद भुगतान सेवा के लिए, संशोधित ढांचे में कहा गया है कि भेजने वाला बैंक लाभार्थी के नाम और पते का रिकॉर्ड हासिल करेगा और रखेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों में नकद भुगतान सेवा (कैश पेमेंट सर्विस से जुड़े मानदंडों को कड़ा कर दिया है। इससे ऋणदाताओं के लिए प्राप्तकर्ताओं का रिकॉर्ड रखना जरूरी हो गया। यहां नकद भुगतान से मतलब बैंक खातों से उन लाभार्थियों को राशि ट्रांसफर करने की व्यवस्था से है, जिनका बैंक खाता नहीं है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ‘घरेलू धन हस्तांतरण’ से संबंधित अपने अक्टूबर 2011 के ढांचे को संशोधित किया है।
1 नवंबर नए नियम होंगे लागू
खबर के मुताबिक, नए नियम आगामी 1 नवंबर, 2024 से लागू होंगे। नकद भुगतान सेवा के लिए, संशोधित ढांचे में कहा गया है कि भेजने वाला बैंक लाभार्थी के नाम और पते का रिकॉर्ड हासिल करेगा और रखेगा। नकद भुगतान सेवा के मामले में, आरबीआई ने कहा कि भेजने वाले बैंक/व्यापार संवाददाता (बीसी) अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निर्देश के अनुसार सत्यापित सेल फोन नंबर और स्व-प्रमाणित ‘आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज़ (ओवीडी)’ के आधार पर प्रेषक को रजिस्टर करेंगे।
हर लेनदेन को एएफए द्वारा मान्य किया जाना चाहिए
नए मानदंड में यह भी कहा गया है कि प्रेषक द्वारा किए जाने वाले हर लेनदेन को प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) द्वारा मान्य किया जाना चाहिए। आरबीआई ने कहा कि इसके अलावा, प्रेषक बैंक को आईएमपीएस/एनईएफटी लेनदेन संदेश के भाग के रूप में प्रेषक का विवरण शामिल करना चाहिए। हालांकि इसमें कार्ड-टू-कार्ड ट्रांसफर संबंधी गाइडलाइन को ढांचे के दायरे से बाहर रखा गया है।